टिड्डी चेतावनी संगठन का दावा- 4 लाख हेक्टेयर जमीन पर टिडि्डयां मारीं
सवाल- जब टिडि्डयां पेड़ों पर थीं तो जमीन पर किसे मारा
जोधपुर। देश पर अब तक के सबसे बड़े टिड्डी हमले से निपटने में नाकाम रहे टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) का दावा है कि उसने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया। संगठन के उप निदेशक डॉ. केएल गुर्जर का कहना है कि उनकी टीमों ने करीब 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जमीन पर टिडि्डयों का मारा है। जबकि उनकी ही टीम के सदस्य मानते हैं कि ठंड की वजह से टिडि्डयां जमीन पर नहीं पेड़ों पर बैठ रही थीं।
दवा का स्प्रे करते ही वे हवा में उड़ जातीं। हवा में ही टिडि्डयों पर दवा के छिड़काव के लिए न तो टीम के पास हेलीकॉप्टर या प्लेन थे और ना ही ड्रोन। गुजरात फ्रंटियर के बाड़मेर डीआईजी गुरपालसिंह का कहना है कि हमने 5 बार टिडि्डयों की सूचनाएं एलडब्यूओ को दी है, उनके साथ जमीनी कार्रवाई भी है, परंतु उन्होंने हमसे हेलीकाॅप्टर की डिमांड नहीं की।
डॉ. केएल गुर्जर का कहना है कि टिड्डी को मारने के लिए 45 स्प्रे मशीन तो थी लेकिन वाहन 19 ही थे। राज्य सरकार की मदद से 26 वाहन मंगवाए गए। रोकथाम के प्रयास शुरू करने के दौरान ही दस नए व्हीकल भी मंगवा लिए गए। करीब तीन लाख लीटर दवा लेकर पूरी टीम मैदान में उतर गई। पैसे की कहीं दिक्कत नहीं थी। जैसे-जैसे मांगा, बजट मिलता गया। करीब 50 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं।
मुआवजे पर केंद्र और राज्यों की सरकारों में बहस जारी
राजस्थान व गुजरात की सीमा में फैले 2 लाख किलोमीटर के सेड्यूल्ड डेजर्ट एरिया जिसमें कुछ हिस्सा पंजाब व हरियाणा का भी, इस बार के टिड्डी हमले ने इन प्रदेशों में करीब 100 करोड़ की फसलें चट की है। सर्वाधिक प्रभावित राजस्थान का पश्चिमी इलाका रहा, जिसके छह जिलों में अब तक लगभग 90 करोड़ का नुकसान आंका गया है। गुजरात के सर्वे में करीब 6 करोड़ और पंजाब-हरियाणा में थोड़ा-थोड़ा नुकसान माना गया है।
केंद्र व राज्यों में चल रही बयानबाजी की हकीकत यह है कि राजस्थान सरकार ने अधिकांश प्रभावित किसानों को मुआवजा बांट दिया, गुजरात में प्रति हैक्टेयर 6800 रुपए मुआवजे की घोषणा हुई है, दिया नहीं। पंजाब में भले ही ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, परंतु वहां के कृषि विवि के वीसी ने पाकिस्तानी विवि के वीसी को चिट्ठी तो लिखी ही है जिसमें उन्होंने टिडि्डयों की ताजा स्थिति साझा करने का आग्रह किया है।
राजस्थान :
6 जिलों के 60 हजार किसान प्रभावित
पश्चिमी राजस्थान के छह जिले, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, पाली व बीकानेर में लगभग 60 हजार किसान बर्बाद हुए हैं। नुकसान 90 करोड़ रुपए का हुआ और मुआवजा दिया 84 करोड़ रुपए का।
राज्य सरकार- कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने 29 जनवरी को विभागीय अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में नुकसान की रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए। अगले सीजन में टिड्डी नियंत्रण की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।
केंद्र सरकार- कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का संसदीय क्षेत्र सबसे पहले प्रभावित हुआ, उन्होंने क्षेत्र के प्रवास के दौरान किसानों का दर्द सुना और राज्य सरकार को जल्द मुआवजा नहीं देने के लिए कोसा।
गुजरात :
8000 हैक्टेयर में बोई फसलें खराब
गुजरात में करीब 8000 हैक्टेयर में नुकसान पहुंचाया है। राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर से दवाई का छिड़काव करने से इनकार कर पहली बार ड्रोन का उपयोग किया। सरकार ने किसानों को 6800 प्रति हैक्टेयर मुआवजा देने की घोषणा की है।
राज्य सरकार- गुजरात के कृषि मंत्री आरसी फलदू ने भी कुछ क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की टीमें नियंत्रण के प्रयास कर रही है, ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। नुकसान का आंकलन कर ही मुआवजा दिया जाएगा।
केंद्र सरकार- केंद्रीय कृषि सचिव जेपी सिंह ने बनासकांठा का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। उन्हें बताया गया कि 5000 हैक्टेयर भूमि पर करीब 4900 लीटर कीटनाशक छिड़का गया है। हालात काबू में आएंगे।
पंजाब कृषि विवि के वीसी ने पाकिस्तान में वीसी को लिखी चिट्ठी
राजस्थान-गुजरात से भटकी टिडि्डयां ही फिलहाल पंजाब-हरियाणा के कुछ इलाकों में पहुंची हैै। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लो ने पाकिस्तान के फैसलाबाद स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर के कुलपति प्रो. डॉ. मोहम्मद अशरफ को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने टिड्डी दल की ताजा स्थिति और वहां बचाव के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी साझा करने की अपील की है। हरियाणा के कृषि उपनिदेशक डा. विनोद फोगाट ने कंट्रोल रूम व हैल्पलाइन डेस्क बना दी है।