खान श्रमिक निराश होकर लोटे, न्यूमोकोनियोसिस बोर्ड जांच के लिए नहीं पहुंचा
डाबी / बूंदी जिले के बरड़ क्षेत्र के लाम्बाखोह में सिलिकोसिस जागरूकता शिविर एवं खनन कार्य में लगे खान श्रमिकों के लिए सिलिकोसिस जांच शिविर का आयोजन महज कागजी खानापुर्ति बन कर रह गया। खनिज विभाग एवं राजस्थान बोर्ड खान मजदूर संघ, माइन्स ऑनर विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। शिविर में श्रमिकों कि जांच बिना उपकरणो के करके कागजी ओपचारिकता किये जाने से श्रमिक निराश होकर लोटे।
खान मजदूर संघ के रमेश ने बताया कि शिविर में जांच के लिए 116 खान श्रमिक पहुंचे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कि और से न्यूमोकोनियोसिस बोर्ड जांच के लिए नहीं पहुंचा।
जांच के लिए आए खान श्रमिक काफी निराश होकर गए, सिलिकोसिस कैंप लगाकर खनिज विभाग के अधिकारियों ने इतिश्री कर ली हैं, जबकि सिलिकोसिस कैंप के अंदर पीड़ितों की किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई है और उन्हें जांच के लिए अग्रिम तिथि व समय भी नही बताया गया है जिससे पीडितो की जांच हो सके, जबकि सिलिकोसिस केम्प को लेकर बरड़ क्षेत्र के खदान पीड़ित मजदूरों ने उत्साह से तैयारी कि थी। लेकिन केम्प को लेकर उन्हें निराशा हाथ में लगी हैं। शिविर में आए श्रमिकों को सिलिकोसिस बचाओ के बारे में जानकारी देकर अधिकारियो अपनी जिम्मेदारी पुरी कर ली तथा डस्ट मास्क वितरण किए गए। शिविर में खनिज अभियंता यशवंत डामोर भी मौजुद थे।
यहां खान मालिकों व अधिकारियो द्वारा सिलिकोसिस बचाव के उपाय के बारे में जानकारी दी। खनन कार्य में धूल नियंत्रण मशीन का उपयोग ड्रीलिंग करने में होना चाहिए, जबकि अभी तक खनन कार्य में इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। 20 नवंबर 2019 को डाबी में कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें एसएमई एवं खनिज अभियंता प्रथम और द्वितीय के द्वारा खान मालिकों को धूल नियंत्रण मशीन का उपयोग करने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक खनन क्षेत्र में उसका उपयोग नहीं किया गया है। इस संबंध में सिलिकोसिस पीड़ितों के द्वारा कई बार मशीन के उपयोग कराने के लिए जिला कलेक्टर बूंदी ज्ञापन दिए गये।