जीतू के पास सरेंडर के सिवाय विकल्प नहीं बचा
हाईकोर्ट में केस भेजने की राहत भी नहीं मिली
इंदौर । जीतू सोनी की सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद अब उसके पास पुलिस के समक्ष सरेंडर के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। जीतू को सुप्रीम कोर्ट से इतनी भी राहत नहीं मिली कि वह हाईकोर्ट में अपनी बात रख सके। जीतू ने 56 एफआईआर पर अंतरिम रोक लगाने के साथ-साथ केस हाईकोर्ट को भेजे जाने की मांग भी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एक भी मांग पर विचार तक नहीं किया। वहीं उसके दिल्ली के आसपास होने की संभावना भी जताई जा रही है। जीतू ने इंदौर के जिला व सत्र न्यायालय में भी अग्रिम जमानत लेने का प्रयास किया था।
अर्जी कोर्ट में दायर भी हुई, लेकिन सुनवाई से पहले ही उसने अर्जी वापस ले ली। लड़कियों से अनैतिक काम कराने, लोगों के मकान, बंगले, फ्लैट, प्लाॅट पर कब्जे करने वाले जीतू ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि उसने अखबार के जरिए भ्रष्टाचार उजागर करना चाहा तो सरकार ने बदनीयती से उस पर कार्रवाई कर दी। 56 केस बिनी किसी आधार के दर्ज कर लिए गए। सरकार ने जीतू के हर आरोप का तगड़ा जवाब पेश किया। कोर्ट को बताया कि जीतू किस तरह लोगों को ब्लैकमेल करता था। उसके खिलाफ जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई तो महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से पीड़ित लोग सामने आ गए।
सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर थीं
प्रदेश में सीएए को लेकर पुलिस, प्रशासन 24 घंटे अलर्ट है, लेकिन सोमवार को भोपाल में बैठे पुलिस, प्रशासन के आला अफसरों का फोकस दिल्ली पर था।
डीआईजी से युवक बोाला- मेरी पत्नी जीतू सोनी के माय होम से लापता है, ढूंढ लाओ
साहब, मेरी पत्नी कहां है यह बता दो। मैं कई महीनों से बच्चे काे लेकर थानों के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई भी पत्नी के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है। पत्नी जीतू सोनी के माय होम में पुलिस कार्रवाई में पकड़ी गई थी। तबसे उसका पता नहीं चला है। पकड़ाने के एक महीने पहले ही मैं उसकी गुमशुदगी तिलक नगर थाने में दर्ज करवा चुका हूं। ये बातें राजेश नीलकंठ निवासी सूरज नगर ने मंगलवार काे पुलिस की जनसुनवाई में डीअाईजी रुचिवर्धन मिश्र के सामने कही। पांच वर्षीय बेटे के साथ पहुंचे राजेश ने रोते हुए बताया कि 1 दिसंबर की रात पुलिस व प्रशासन ने माय होम से 67 महिला-युवतियों काे छुड़ाया था, उनमें उसकी पत्नी ज्योति बाई भी थी। राजेश ने बताया कि वह गांव में रहता है। कुछ समय पहले पत्नी ज्योति बाई इंदौर में काम करने का बोलकर यहां आ गई थी। नवंबर में उसने सूरज नगर में किराए का मकान लिया था। एक दिन वह घर से काम का बोलकर गई, लेकिन लौटी नहीं। उसने तिलक नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी।
अखबार से पता चला
राजेश ने बताया अखबारों में छपे फोटो में उसे पत्नी दिखी थी। उसने पुलिस से बात की, लेकिन उसे यह नहीं बताया कि पत्नी पकड़ी गई या नहीं। डीआईजी ने पलासिया थाने की गाड़ी बुलाकर टीआई विनोद दीक्षित को पकड़ी गई युवतियों के फोटो दिखाकर पत्नी की पहचान करने का निर्देश दिया। वहीं टीआई का कहना है राजेश के लिए गाड़ी भेजी थी, लेकिन वह नहीं आया। वहीं रेस्क्यू की गई 67 युवतियों में से एक का नाम ज्याेति था, पर वह राजेश की पत्नी नहीं थी।
24 साल पहले एक लाख रुपए दिए थे, अब तक न प्लॉट मिला न रजिस्ट्री हुई
कमला नेहरू नगर निवासी राजेंद्र जोशी ने शिकायत की कि 1996 में मैंने डिस्टीफ होम फाइनेंस से पंचवटी में प्लॉट एक लाख 22 हजार में खरीदा था। डिस्टीफ होम फाइनेंस ने 21 हजार की ही रसीद दी। संस्था ने न प्लॉट दिया और न भूखंड की रजिस्ट्री की। एएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए। उधर, स्कीम 54 निवासी महिला मधुबाला सिंह ने बताया उन्होंने मनीष सिंह तोमर से भवन निर्माण का करार किया। पांच लाख निर्माण पूरा होने के बाद देना थे, लेकिन बिल्डर ने काम अधूरा छोड़ दिया। एक साल बाद हमने खुद मकान का काम पूरा कराया। जब मकान तैयार है तो बिल्डर बचे रुपए मांग रहा है।
6-7 को होगी 6 संस्थाओं की खुली जनसुनवाई
छह सहकारी संस्थाओं की खुली जनसुनवाई करने के बाद प्रशासन छह और संस्थाओं को चिह्नित कर उनकी जनसुनवाई करेगा। कलेक्टर ने बताया कि 6 फरवरी को ग्रीन पार्क, क्लासिक, संतोषी माता, सेंट्रल गवर्नमेंट ऑफिसर्स और 7 फरवरी को जनकल्याण व शांति नगर संस्था की सुनवाई की जाएगी। 6 फरवरी को
11 से 1 और 7 फरवरी को सुबह 11 से दोपहर 12 बजे तक सुनवाई होगी।