डेयरी संचालक पर रासुका की कार्रवाई को हाईकोर्ट ने गलत बताया
कलेक्टर पर ठोका 25 हजार का जुर्माना
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मिलावट खोरी के इस मामले में रासुका की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए शासन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. गौरतलब है कि जुलाई 2019 में गुना प्रशासन ने डेयरी पर छापामार कार्रवाई की थी, जिसमें मिलावट की पुष्टि होने के बाद संचालक पर रासुका लगाकर सेंट्रल जेल भेजने के आदेश दिए गए थे.
कलेक्टर पर 25 हजार का जुर्माना:-
ग्वालियर हाईकोर्ट ने गुना के ममता डेयरी संचालक प्रेम नारायण ग्वाला की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के वकील हर्ष बेहरानी ने बताया कि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि गुना कलेक्टर द्वारा प्रेमनारायण के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई गलत है. हाईकोर्ट ने कार्रवाई को मानवाधिकार के खिलाफ मानते हुए कड़ी निंदा की और इसके लिए शासन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
ग्वालियर हाईकोर्ट ने गुना के ममता डेयरी संचालक प्रेम नारायण ग्वाला की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के वकील हर्ष बेहरानी ने बताया कि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि गुना कलेक्टर द्वारा प्रेमनारायण के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई गलत है. हाईकोर्ट ने कार्रवाई को मानवाधिकार के खिलाफ मानते हुए कड़ी निंदा की और इसके लिए शासन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
गुना में मिलावट का था मामला:-
गौरतलब है कि बीते साल 28 जुलाई को गुना की जगदीश कॉलोनी में संचालित ममता डेयरी पर खाद्य विभाग और प्रशासन ने छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान यहां से 500 लीटर से ज्यादा मिलावटी दूध मिला था, टीम ने डेयरी के दूध, दही, घी, पनीर, मक्खन आदि के सेंपल लिए थे. नमूने की जांच में यूरिया डिटर्जेंट और जहरीले रसायन की मिलावट होना पाया गया था. पुलिस ने इस मामले में प्रेमनारायण ग्वाल को आरोपी बनाया था. गुना कलेक्टर ने इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी. कलेक्टर ने अपने आदेश मे कहा था कि इस तरह की मिलावट से मानव जीवन को गंभीर खतरा है और जनहानि भी हो सकती है, ऐसे व्यक्ति का स्वतंत्र रुप से विचरण करना लोक व्यवस्था को बनाए रखने के प्रतिकूल है लिहाजा डेयरी संचालक प्रेमनारायण ग्वाल को तत्काल गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल ग्वालियर भेजा जाए.
जमानत के पहले ही कर दी थी रासुका की कार्रवाई:-
उधर जेल जाने के बाद प्रेमनारायण ग्वालियर की तरफ से जमानत के लिए आवेदन लगाया गया था, जो स्वीकार हो गया था. जमानत के पहले ही गुना कलेक्टर ने प्रेम नारायण के खिलाफ रासुका की कार्रवाई कर दी. कलेक्टर के इस आदेश को उस दौरान शासन से एप्रुवल नहीं मिला था, इसी आधार गिरफ्तारी के बाद प्रेमनारायण की तरफ याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने जमानत दी और फिर मामले की सुनवाई में शासन पर जुर्माने की कार्रवाई की।