बुजुर्ग ने फांसी लगाई, लिखा- बेटे भरण-पोषण नहीं दे रहे
इसलिए खुदकुशी कर रहा हूं
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक बुजुर्ग ने फंदा लगाकर जान दे दी। उनका शव घर के कमरे में लटकता मिला। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को तलाशी के दौरान उसके पास से 5 सुसाइड नोट बरामद हुए हैं। इन सुसाइड नोट को पैंट-शर्ट की जेब, कपड़े के भीतर कमर और पेट के पास छिपाकर रखा गया था। इसमें बेटे, बेटी के भरण पोषण नहीं देने पर आत्महत्या करने की बात लिखी गई है। वहीं, बेटों ने पिता को किसी भी तरह की तकलीफ देने की बात से इनकार किया है। घटना तोरवा थाना क्षेत्र की है।
बेटी को छोड़ने जा रही थीं पत्नी, मन बदला तो वापस घर लौटीं
तोरवा स्वास्तिक अस्पताल के पीछे रहने वाले दान मसीह (75) पिता गजानंद का मेन रोड पर मकान है। यहां पत्नी सुकृता के साथ रहते थे। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। सभी की शादी हो चुकी है और अलग रहते हैं। रविवार को उनकी पत्नी अपनी बेटी को छोड़ने विश्रामपुर पांडोपारा जा रही थी। पेंड्रा के पास अचानक मन बदल गया और वहां से बेटी को अकेले चले जाने की सलाह देकर ट्रेन से उतर गई। पेंड्रा से वह दूसरे ट्रेन से घर लौट आईं। रविवार रात को वह घर पहुंचीं तो अंदर से दरवाजा बंद था।
पत्नी ने दरवाजा खटखटाया पर कोई जवाब नहीं आया। इस पर फोन से अपने बेटों को जानकारी दी तो वे घर पहुंचे। उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो दान सिंह मसीह फंदे पर लटक रहे थे। किसी तरह दरवाजा खोला और पुलिस को सूचना दी। बुजुर्ग के शर्ट, पैंट की दोनों जेब, कमर, पेट के पास से पांच सुसाइड नोट बरामद हुए। इनमें एक ओरिजनल था और बाकी फोटो कॉपी थे। उन्होंने अपनी खुदकुशी के लिए बेटे-बेटी व परिवार के लोगों को जिम्मेदार बताया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्हें भरणपोषण नहीं मिल रहा है इसलिए परेशान होकर खुदकुशी करनी पड़ रही है। दान मसीह के तीन बेटों में बड़ा एक्का शैलेष 50वर्ष, डेनियल 46 वर्ष, राज दाउद 45 वर्ष हैं। एक बेटी है जो विश्रामपुर में रहती है। शैलेष व डेनियल फर्नीचर दुकान चलाते हैं। बेटों का कहना है कि उन्होंने पिता को कभी तकलीफ नहीं दी। पिता ने ऐसा क्यों किया है उनको कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल पुलिस ने उनके बयान लेने के साथ ही सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है।