68.63 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी छोटे किसानों से ज्यादा, अब 10 दिन और बचे

68.63 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी छोटे किसानों से ज्यादा, अब 10 दिन और बचे


रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में प्रदेश में पंजीकृत 19.52 लाख किसानों में से अब तक 16 लाख किसान धान बेच चुके हैं। इनमें 13 लाख 20 हजार लघु एवं सीमांत किसान शामिल हैं। पिछले साल 15 लाख 71 हजार किसानों ने धान बेचा था। गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष तक ज्यादा किसानों से धान खरीदी कर ली गई है, जबकि अभी धान खरीदी के लिए 10 दिन का समय अभी बाकी हैै। खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि प्रदेश में 85 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 68 लाख 63 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। वर्ष 2018-19 की तुलना में इस वर्ष दो लाख 56 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है। राज्य के धान खरीदी केन्द्रों से पंजीकृत मिलरों द्वारा अब तक 32 लाख 60 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है। एफसीआई ने जनवरी 2020 तक राज्य का 3 लाख टन उसना चावल सेन्ट्रल पूल मंे लिया है। इसी प्रकार नान ने जनवरी 2020 तक 10 लाख टन अरवा चावल राज्य पूल में लिया गया। धान बेचने वाले किसानों को अब तक 11 हजार 973 करोड़ रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है।


धान खरीदी का समय नहीं बढ़ाने के फैसले से उतरा कांग्रेस सरकार का नकाब : भाजपा
भाजपा ने आरोप लगाया है कि धान खरीदी का समय नहीं बढ़ाने का ऐलान करने से सरकार का नकाब उतर गया है। भाजपा पहले ही यह आशंका जता रही थी कि कांग्रेस सरकार पूरा धान नहीं खरीदना चाहती। इसीलिए कांग्रेस ने एक माह की देरी से धान खरीदी शुरू की। इधर, खाद्य मंत्री ने यह बयान दिया है कि सरकार धान खरीदी की मियाद नहीं बढ़ाने वाली है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि पहले धान ख़रीदी एक माह देर से शुरू की गई और किसानों का पूरा धान 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर पर ख़रीदने से बचने के लिए नित-नए नियमों के तुगलकी फरमानों का छल-प्रपंच रचा गया।


अवैध धान परिवहन के 4 हजार 280 मामले दर्ज, 45 हजार टन अवैध धान जब्त
सचिव ने बताया कि प्रदेश में अवैध धान परिवहन पर निरंतर कार्रवाई की गई और 4 हजार 280 प्रकरण दर्ज कर 45 हजार 930 टन अवैध धान जब्त किया गया। धान परिवहन करने वाले 400 वाहनों पर भी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से राज्य के बाहर से आने वाले अवैध धान एवं प्रदेश के भीतर अवैध रिसाईकलिंग पर प्रभावी नियंत्रण हुआ। इससे धान खरीदी का पूरा लाभ केवल राज्य के किसानों को मिला है।


भाजपा का चरित्र ही गांव विरोधी, किसान विरोधी और धान विरोधी है: त्रिवेदी
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि बघेल सरकार किसानों के धान खरीदी के निर्धारित लक्ष्य की करीब पहुंच गई है। भाजपा का धान खरीदी में अडंगा लगाने का भाजपा की चाल भी विफल हो ही गयी। किसानों के धान से बने चावल को सेन्ट्रल पूल में लेने नियम शर्ते लगाने वाली भाजपा की धान को लेकर चिंता दिखावटी है। किसान विरोधी भाजपा अब राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रही है। त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा को धान खरीदी समझ में आना बहुत मुश्किल है। जिस भाजपा ने 5 साल तक 300 रू. बोनस देने का वादा करके नहीं दिया, वो धान खरीदी कैसे समझ सकती है।


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